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आज्ञा चक्र

आज्ञा चक्र मेरुदण्ड के ऊपरी उभार पर माथे पर दोनों भौंहों के बीच स्थित है। आज्ञा चक्र में ही इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना का विलय होता है। स्वर योगी आज्ञा चक्र को जाग्रत कर सूक्ष्म तत्त्वों एवं शुद्ध चेतना का अभ्यास करता है।

आज्ञा चक्र अगर सुप्त हो: अपस्मार (Epilepsy), मूर्च्छा (Delirium), पक्षाघात (Paralysis), अवसाद (Depression), स्मृतिनाश (Dementia) तथा मस्तिष्क से सम्बद्ध रोग हो जाते हैं।